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116 : अंग साहित्य मनन और मीमांसा
(39) सुत्तपिटक, दीघनिकाय - सामञ्झफलसुत्त, पृष्ठ 41-53
(40) सूत्रकृतांग, 1/2/34-35
( 41 ) सुत्तपिटक आगुत्तर निकाय, पालि, भाग 3, अट्टम निपात,
पृष्ठ 293-96
(42) सूत्रकृतांग, 1/2/55
(43) सूत्रकृतांग, शीलांक वृत्ति, पत्रांक 37-40
(44) धम्मपद, पढमो वग्गो- 1
(45) दशवैकालिक, 418
(46) सूत्रकृतांग, 1/2/57-59, पृष्ठ 60-61 (मधुकर मुनि)
(47) सूत्रकृतांग, 1/3/64-69
(48) वही, 1/3/70-71
(49) वही, 1/3/71
(50) स मोक्ष प्राप्तोऽपि भूत्वा कीलावप्प दोसेण रजसा अवतारते।
(51) सूत्रकृतांग, 1/4/180-81 (52) आचारांग, 1/9/1/54
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- सूयगड़ चु. टिप्पणी 12
वरिष्ठ प्रवक्ता पार्श्वनाथ शोधपीठ
आई.टी.आई. रोड़, वाराणसी
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