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परमात्मा बनने की कला
आद्य मंगल
पंचसूत्र
आद्य मंगल
खण्ड - प्रथम
णमो वीयरागाणं,
सव्व-नृणं, देविंद-पूई-याणं, जह-ट्ठिअ-वत्थु-वाइणं, तेलुक्क-गुरूणं, अरुहंताणं, भगवंताणं।
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