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तृतीय अध्याय
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माउत्पात
NATUS
8 बार
असैनी
पंचेन्द्रिय
| 7 बार
गोह,
प्रथम | जघन्य | 7 धनुष | 1 नरक कापोत | 3 हाथ
| 6 अंगुल |द्वितीय मध्यम | 15 धनुष | 3 नरक कापोत 2 हाथ
| 12 अंगुल तृतीय उत्कृष्ट | 31 धनुष |
7 नरक कापोत, 1 हाथ
जघन्य
सरीसर्प
6
बार
पक्षी
तीर्थंकर
सर्प
चतुर्थ मध्यम | 62 धनुष | 105 बार नरक नील | 2 हाथ पंचम उत्कृष्ट | 125
125 17 4 बार नरक नील, धनुष
सिंह
चरम शरीरी
जघन्य कृष्ण
षष्ठ मध्यम | 25022
3 बार
भावलिंगी स्त्री
| 33
2 बार
सप्तम उत्कृष्ट | 500 नरक कृष्ण | धनुष
2-5 गुण- | पुरुष, स्थानवर्ती मत्स्य
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