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तृतीय अध्याय
| बिल (नारकियों के रहने का स्थान)
रचना/आकार
प्रकार
...
1) ढोल की पोल के समान इन्द्रक 2) तलघर की भाँति (बीच का
बिल)
श्रेणी बद्ध . (4 दिशा व 4 विदिशा में कतारबद्ध)
प्रकीर्णक (अंतराल में बिखरे हुए) .
सूत्र क्रमांक 3 से 5 तक के लिए आगे देखें!
तेष्वेकत्रिसप्तदशसप्तदशद्वाविंशतित्रयस्त्रिंशत्सागरोपमा सत्त्वानां
परास्थितिः।।। . सूत्रार्थ - उन नरकों में जीवों की उत्कृष्ट स्थिति क्रम से एक, तीन, सात, दस,
सत्रह, बाईस और तैंतीस सागरोपम है।।6।।
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