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द्वितीय अध्याय
लक्षण (बहुत से मिले पदार्थों में से एक को जुदा करने वाला हेतु)
अनात्मभूत
आत्मभूत (जैसे - उपयोग जीव का आत्मभूत लक्षण है)
स विविधोऽष्टचतुर्भेवः।।।। सूत्रार्थ - वह उपयोग दो प्रकार का है- ज्ञानोपयोग और दर्शनोपयोग। ज्ञानोपयोग
आठ प्रकार का है और दर्शनोपयोग चार प्रकार का है।।9।।
उपयोग (जीव का लक्षण)
ज्ञानोपयोग (विशेष जानना) दर्शनोपयोग (सामान्य प्रतिभास) (साकार)
(निराकार) - 5 सम्यग्ज्ञान L3मिथ्याज्ञान । । । ।
- चक्षुदर्शन अचक्षुदर्शन अवधिदर्शन केवलदर्शन
उपयोग (अध्यात्म भाषा से 3 प्रकार)
... शुभोपयोग (देव, शास्त्र, गुरु की भक्ति आदि)
अशुभोपयोग (5 पाप, 4 कषाय व इन्द्रियविषयों में प्रवृत्ति)
शुद्धोपयोग (शुभ और अशुभ उपयोग से रहित वीतराग भाव)
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