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(टीकाएँ) * दिगम्बर एवं श्वेताम्बर दोनों सम्प्रदायों में संस्कृत एवं हिन्दी की टीकाएँ और भाष्य उपलब्ध हैं। कुछ टीकाओं के नाम निम्नलिखित हैं :
आचार्य का नाम टीका का नाम आचार्य पूज्यपाद सर्वार्थसिद्धि आचार्य अकलंकदेव तत्त्वार्थ राजवार्तिक आचार्य विद्यानन्दि तत्त्वार्थ श्लोकवार्तिक आचार्य समन्तभद्र गंधहस्ति महाभाष्य (अप्राप्य)
आचार्य श्रुतसागरं तत्त्वार्थवृत्ति * ढूँढारी भाषा के प्राचीन विद्वान - | | पं. सदासुखदासजी कासलीवाल अर्थप्रकाशिका * आधुनिक टीकाकार विद्वान -
पं. फूलचंदजी सिद्धान्ताचार्य पं. कैलाशचन्दजी सिद्धान्ताचार्य पं. पन्नालालजी साहित्याचार्य पं. रामजी भाई दोशी आदि
मंगलाचरण मोक्षमार्गस्य नेतारं भेत्तारं कर्मभूभृताम्। ज्ञातारं विश्वतत्त्वानां, वन्दे तद्गुणलब्धये।
(भेत्तारं कर्मभूभृताम्)(ज्ञातारं विश्वतत्त्वानाम्)(मोक्षमार्गस्य नेतारम्) कर्मरूपी पर्वतों के सम्पूर्ण तत्त्वों को मोक्षमार्ग के भेदने वाले जानने वाले नेता
सर्वज्ञ
हितोपदेशी
वीतरागी
को नमस्कार किया उनके जैसे गुणों की प्राप्ति के लिए
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