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________________ 45 209 46-47 47 212 215 3-4 217 गुणश्रेणी निर्जरा में विशेषता के 10 स्थान निर्ग्रन्थ के भेद 210 संयम स्थान की तारतम्यता दसवाँ अध्याय दसवाँ अध्याय विषय-वस्तु 213 मोक्ष के भेद 213 मोक्ष के पहले केवलज्ञान की उत्पत्ति 214 मोक्ष होने के हेतु 214 मोक्ष होने पर किन कर्मों का अभाव (क्षय) होता है? . मोक्ष होने पर किन भावों का अभाव और सद्भाव रहता है! 217 3 प्रकार के कर्मों के नाश होने पर मोक्ष होता है | मोक्ष होने के बाद आत्मा ऊपर जाता है। हेतु और दृष्टांत 218 मोक्ष होने पर सिद्धों (मुक्त जीवों) का निवास 219 अष्टम पृथिवी - ईषत् प्राग्भार सिद्ध शिला सिद्धों का निवास - सिद्ध क्षेत्र 219 मुक्त जीवों में भेद नहीं मुक्त जीवों में कथंचित् भेद 220 अल्प-बहुत्व(सिद्ध होने वाले जीवों की संख्या की तुलना) 222 परिशिष्ट-1 सभी कर्मों के आस्रव के विशेष कारण 223 परिशिष्ट-2 (पाठान्तर) सम्मतियाँ 5-8 219 219 220 229 231 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004253
Book TitleTattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuja Prakash Chhabda
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year2010
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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