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अष्टम अध्याय
शरीर, बंधन, संघात में अन्तर
दृष्टांत जैसे दीवार बनाने के लिए
शरीर
ईंट जमाना
समचतुस्र न्यग्रोध
परिमण्डल
शरीर ऊपर वट वृक्षवत् नाभि के
नीचे व
मध्य में
नीचे के अंग
छोटे एवं
ऊपर के
बड़े हों
सम भाग
हो
बंधन
ईंको गारे से
जोड़ना
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सर्प की
बाँबीवत् ऊपर के
अंग छोटे
एवं नीचे के
बड़े हों
संस्थान
स्वाति कुब्जक वामन हुण्डक
वज्रवृषभ व्रजनाराच नाराच
नाराच
वज्र के हाड़ वज्र के हाड़ वज्र रहित
बेठन व
वकीली हो कीलित
कीलियाँ
हो
संहनन
संघात
सीमेंट से
मजबूत करना
हड्डियों की सन्धि हो
कुबड़ा
शरीर हो शरीर अवक्तव्य
आकार हों
बौना अनेक विरूप
हो
the
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अर्द्धनाराच कीलक असंप्राप्ता
सूपाटिका
जुदे - 2
हड्डियों की हड्डियाँ
सन्धि अर्द्ध कीलित हो कीलित
हो
परस्पर हाड़
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नसों से
बँधे ह
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