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सप्तम अध्याय
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प्राण
भाव प्राण * ज्ञान-दर्शनादि गुण
द्रव्य प्राण * जिसके संयोग से जीव जीवंत
अवस्था व वियोग से मरण अवस्था को प्राप्त हो
5 इन्द्रिय
3 बल
आयु
श्वासोच्छवास
मनोबल वचनबल
कायबल
असदभिधानमनृतम्।।14।। सूत्रार्थ - असत् बोलना अनृत है।।14।।
असत्य
विद्यमान अविद्यमान विद्यमान वस्तु का वस्तु का सद्भाव वस्तु को अन्य निषेध करना प्रकट करना स्वरूप से कहना
गर्हित (निन्द्य) अवद्य (पाप संयुक्त) अप्रिय Fदुष्टता व निन्दा छेदन
अप्रीतिकारक रूप हास्य भेदन
भयकारक कठोर Fमारण
खेदकारक मिथ्याश्रद्धान शोषण
बैर प्रलापरूप व्यापार - शोक -शास्त्र विरुद्ध आदि चोरी आदि के वचन - कलहकारक आदि
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