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( १२ ) मनुष्य व देवगति के सुखों में दुःखरूपता विषयभोग-जन्य सुखों में सुखाभासता दुःखरूप संसार की कारण-कार्य-परंपरा कर्म-बन्ध कर्मबन्ध शब्द का अर्थ विषमता का कारण-कर्मबंध कर्म-सिद्धान्त भाग्यवाद नहीं कर्मों के प्रमुख भेद-प्रभेद कर्मों की संख्या, क्षेत्र, स्थिति-काल आदि कर्मबन्ध में सहायक लेश्याएँ अनुशीलन
प्रकरण ३ रत्नत्रय नव तथ्य मुक्ति का साधन-रत्नत्रय सम्यग्दर्शन सम्यग्दर्शन के आठ अंग सम्यग्दर्शन के भेद सम्यग्ज्ञान ज्ञान के प्रमुख पाँच प्रकार गुरु-शिष्यसम्बन्ध गुरु के कर्त्तव्य सम्यक्चारित्र सम्यक्चारित्र के प्रमुख पाँच प्रकार चारित्र के विभाजन का दूसरा प्रकार अनुशीलन
प्रकरण ४ सामान्य साध्वाचार सामान्य साध्वाचार विशेष साध्वाचार दीक्षा की उत्थानिका दीक्षा लेने का अधिकारी
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