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समुद्र सिद्ध हैं उससे असंख्यातगुणे द्वीपों से मुक्त हुए जीव हैं, यह सामान्य वर्णन है - विशेष से सबसे कम लवण समुद्र से सिद्ध हुए जीव हैं उससे संख्यातगुणे कालोदधि समुद्र से सिद्ध हुए हैं उससे संख्यातगुणे जम्बूद्वीप समुद्र हैं। जम्बूद्वीप की अपेक्षा धातकी खण्ड से सिद्ध हुए हैं वह जीव संख्यातगुणे अधिक हैं उससे संख्यातगुणे पुष्पकरार्धद्वीप सिद्ध हैं।
अक्षरमात्रपदस्वरहीनं, व्यञ्जनसन्धिविवर्जितरेफम् । साधुभिरत्र मम क्षमितव्यं, को न विमुह्यतिशास्त्रसमुद्रे ॥ ( 1 )
इस शास्त्र में यदि कहीं अक्षर, मात्रा, पद, या स्वर रहित हो तथा व्यंजन सन्धि व रेफसे रहित हो तो सज्जन पुरुष मुझे क्षमा करें। क्योंकि शास्त्ररूपी समुद्र में कौन पुरुष मोह को प्राप्त नहीं होता अर्थात् भूल नहीं करता ।
अभ्यास प्रश्न
1. केवल ज्ञान की उत्पत्ति किन कारणों से होती है ? 2. मोक्ष जीव को कब प्राप्त होता है ?
3. 13 वाँ गुणस्थान (अरहंत अवस्था) का वर्णन करो ?
4. 14वाँ गुणस्थान (अयोग केवली गुणस्थान) का वर्णन करो ? 5. मोक्ष में किन-किन भावों का अभाव होता है और क्यों होता है ?
6. मोक्ष में ज्ञान दर्शन आदि भावों का अभाव क्यों नहीं होता है ? 7. सम्पूर्ण कर्म नष्ट होने के बाद जीव की गति कहाँ तक होती है ? 8. जीव की उर्ध्वगति के कारण क्या-क्या है ?
9. सिद्ध जीव लोकाग्र में जाकर क्यों स्थिर हो जाते हैं ? ..10. मुक्त जीव में भेद किन कारणों से होता है ?
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