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________________ 12. अभ्यन्तर तप का वर्णन करो ? 13. स्वाध्याय के उत्तर भेद कौन से हैं ? 14. ध्यान किसे कहते हैं ? 15. ध्यान के मुख्य भेद कितने हैं ? 16. संसार एवं मोक्ष के लिए कौन-कौन से ध्यान आवश्यक है ? 17. रौद्र ध्यान का वर्णन करो ? 18. धर्मध्यान का वर्णन करो ? 19. निर्जरा के स्थानों का वर्णन करो ? 20. साधुओं के पाँचों भेदों की परिभाषा लिखो ? 21. पुलाक आदि पांच मुनियों की विशेषता क्या है ? 628 क्रोधादि अन्तरंग परिग्रह का त्याग बिना बहिरंग त्याग विषधर साँप की काँचली के त्याग के समान है। are करके खाओ, मिल करके काम करो । धर्म का रहस्य स्वावलम्बी एवंम् स्वतन्त्र बनना है। जो समय का दुरुपयोग करता है, समय उसके लिए काल बन जाता है। मनुष्य समाज; पशु समाज एवं वनस्पति समाज के योगदान पर जीवित है। आत्मानुशासन ही सर्वश्रेष्ठ अनुशासन है । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004251
Book TitleSwatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanaknandi Acharya
PublisherDharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
Publication Year1992
Total Pages674
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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