SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 255 256 256 258 258 259 259 25. लौकान्तिक देवों के नाम 26. अनुदिश तथा अनुत्तरवासी देवों में अवतार का नियम 27. तिर्यंच कौन है? 28. भवनवासी देवों की उत्कृष्ट आयु का वर्णन 29. वैमानिक देवों की उत्कृष्ट आयु 30. क्रमश: आगे के स्वर्गों में आयु 31. ब्रह्मलोक से अच्युत पर्यंत स्थिति 32. कल्पातीत देवों की आयु 33. स्वर्गों में जघन्य आयु का वर्णन 34. उत्कृष्ट एवं जघन्य आयु के नियम 35. नारकियों की जघन्य आयु का वर्णन 36. प्रथम नरक की जघन्य आयु । 37. भवनवासियों की जघन्य आयु 38. व्यन्तरों की जघन्य आयु 39. व्यन्तरों की उत्कृष्ट आयु 40. ज्योतिषी देवों की उत्कृष्ट आयु अध्याय 5. 260 26.1 261 262 263 263 263 263 263 265 267 271 1. अजीव तत्व का वर्णन 2. द्रव्यों की गणना 3. द्रव्यों की विशेषता 4. पुद्गल द्रव्य अरूपी नहीं है 5. द्रव्यों के स्वभेद की गणना 6. द्रव्यों के स्वप्रदेशों की गणना 7. समस्त द्रव्यों के रहने का स्थान 8. जीव प्रदेशों का संकोच विस्तार स्वभाव 9. धर्म और अधर्म द्रव्य का उपकार या लक्षण 10. आकाश का उपकार या लक्षण 272 273 274 281 289 292 297 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004251
Book TitleSwatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanaknandi Acharya
PublisherDharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
Publication Year1992
Total Pages674
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy