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36. गुणों की परिभाषा लिखो? 37. पर्याय की परिभाषा क्या है ? 38. इस अध्याय के बारे में आपका विशेष अभिप्राय क्या है? 39. इस अध्याय से सिद्ध करो कि प्राचीन भारत में उन्नत विज्ञान था।
स्व-पर, . ज्ञाता-ज्ञेय, पिण्ड-ब्रह्माण्ड, अणु-महत्, हेय-उपादेय-श्रेय को जानने के कारण मनुष्य एक प्रज्ञाधनी, मननशील, सत्यशोधक, जिज्ञासु और विश्व का सर्वश्रेष्ठ प्राणी
भगवान् के निर्वाण महोत्सव मनाना तब सार्थक होगा, जब बच्चों का निर्माण करते हो। निन्दा नहीं करना चाहिए, परन्तु समीक्षा करने में भयभीत नहीं होना चाहिए। दूसरों का उपकार नहीं कर सकते तो इसकी विशेष चिन्ता नहीं परन्तु अपकार नहीं करना चाहिए। दूसरों को पानी नहीं पिला सके तो मत पिलाओ, परन्तु विष तो मत पिलाओ।
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