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________________ पोत Unumbilical. Birth without any sack or shell, like a cub of a lion or a kitten. जरायुज, अण्डज और पोत जीवों का गर्भ जन्म होता है। (1) जरायुज- जाल के समान प्राणियों के परिआवरण को जरायु कहते हैं। गर्भाशय में प्राणी के ऊपर जो मांस और रक्त का जाल के समान आवरण होता है उसे जरायु कहते हैं। मनुष्य, गाय, भैंस आदि के जन्म जराजुय हैं। जराजुय प्राणी आधुनिक विज्ञान के अनुसार और जैनधर्म के अनुसार उन्नतशील जीव होते हैं। विशेषत: ये जीव स्थलचर होते हैं। (2) अण्डज- शुक्र और शोणित से परिवेष्टित नख के ऊपरी भाग के समान कठिन और गोलाकार अण्डा होता है। जो नख की छाल के समान कठोर हो, पिता के वीर्य और माता के रक्त से परिवेष्टित हो तथा श्वेत वर्ण तथा गोलाकार हो उसका नाम अण्डा है। इस अण्डे में जन्म लेने वाले को अण्डज कहते है। चील, कबूतर, तोता; मैना (सारिका) आदि अण्डज प्राणी है। यह प्राणी विशेषत: आकाशचर होते हैं। कुछ अण्डज जलचर भी होते हैं जैसेघड़ियाल (मगरमच्छ)। (3) पोतजन्म- सम्पूर्ण अवयव तथा परिस्पन्द सामर्थ्य से उपलक्षित पोत है। जो गर्भाशय से निकलते ही चलने-फिरने के सामर्थ्य से युक्त हैं- सम्पूर्ण अवयव वाला है और जिसके ऊपर कोई आवरण नहीं है वह पोत कहलाता है। जरा में उत्पन्न होने वाला जराजुय, अण्डे में उत्पन्न होने वाला अण्डज और आवरण रहित पोत है। उपपाद जन्म किसके होता है ? देवनारकाणामुपपादः। (34) उपपाद i.e. birth by instantaneous rise is peculiar to hellish and celertial beings देव और नारकियों का उपपाद जन्म होता है। 160 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004251
Book TitleSwatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanaknandi Acharya
PublisherDharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
Publication Year1992
Total Pages674
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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