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________________ और पंचम काल के कुछ वर्ष पहले का है अर्थात् 3 वर्ष 8 माह । पक्ष चतुर्थ काल का अवशेष रहते हुए या इतने ही काल पंचमकाल के पूर्व महावीर भगवान का निर्वाण हुआ। जिस दिन महावीर भगवान ने निर्वाण को प्राप्त किया वह दिन कार्तिक कृष्णा अमावस्या था। महावीर भगवान जिस दिन मोक्ष पधारे उस दिन गौतम गणधर को केवलज्ञान प्राप्त हुआ इसके उपलक्ष्य में देवलोग दीपमालिका प्रज्ज्वलित कर पर्व मनाया। तब से “दीपावली" का त्यौहार भारत वर्ष में प्रारंभ हुआ। जो कि अभी तक भारतवर्ष में प्राय: सभी सम्पूर्ण सम्प्रदाय उत्साह सहित मानते गौतम गणधर के सिद्ध होने पर सुधर्मास्वामी केवली हुए। सुधर्मास्वामी के कर्मनाश करने (मुक्त होने) पर जम्बू स्वामी केवली हुए। जम्बूस्वामी के सिद्ध होने के पश्चात् फिर कोई अनुबद्ध केवली नहीं हआ। गौतमादिक (गौतम गणधर, सुधर्मास्वामी और जम्बूस्वामी) केवलियों के धर्म प्रवर्तन काल का प्रमाण पिण्डरूप से बासठ (62) वर्ष प्रमाण है। केवलज्ञानियों में अंतिम केवली श्रीधर कुण्डलगिरी से सिद्ध हुए और चारण ऋषियों में सुपार्श्वचन्द ऋषि अन्तिम हुए। __ प्रज्ञाश्रमणों में व्रजयश अन्तिम हुए और अवधिज्ञानियों में श्रुत, विनय और सुशिलादि से सम्पन्न श्री नामक ऋषि अन्त में हुए है। ___ मुकुटधरों में अंतिम जिनदीक्षा चन्द्रगुप्त ने धारण की। इसके पश्चात् किसी मुकुटधारी ने प्रव्रज्या ग्रहण नहीं की। चौदह पूर्व धारियों के नाम एवं उनके काल का प्रमाण- (1) नन्दी, (2) नन्दि मित्र, (3) अपराजित, (4) गोवर्धन, (5) भद्रबाहु इस प्रकार ये 5 पुरुषोत्तम जग में चौदह पूर्वी इस नाम से विख्यात हुए। बारह अंगों के धारक ये पाँचों श्रुतकेवली श्री वर्धमान स्वामी के तीर्थ में हुए हैं। इन 5 श्रुतकेवलियों का सम्पूर्ण काल 100 वर्ष होता है। . इन पाँचो के बाद भरत क्षेत्र में फिर श्रुतकेवली नहीं हुए। दसपूर्वधारी एवं उनका काल- (1) विशाखा, (2) प्रोष्ठिल, (3) क्षत्रिय, (4) जय, (5) नाग, (6) सिद्धार्थ, (7) धृतिषेण, (8) विजय, (9) बुद्धिल 29 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004251
Book TitleSwatantrata ke Sutra Mokshshastra Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanaknandi Acharya
PublisherDharmdarshan Vigyan Shodh Prakashan
Publication Year1992
Total Pages674
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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