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मंगल आशीर्वाद
विशेष प्रसन्नता की बात है कि स्वतन्त्रता के सूत्र का प्रकाशन हो रहा है। पुस्तक के लेखक उपाध्याय कनकनंदी जी हैं, वे विशेष परिश्रम कर रहे हैं। वर्तमान में बालकों पर संस्कार डालना परमावश्यक है, उनको धार्मिक ज्ञान प्राप्त होना जरूरी है, आगे जाकर बच्चों पर ही धर्म का भार है, उन्हीं को धर्म चलाना है, उनको शिक्षित करना परम आवश्यक है, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह तैयार की है। आशा है अवश्य लाभान्वित होंगे। लेखक व प्रकाशक एवं द्रव्यदाता और धर्म ज्ञान प्राप्त करने वाले सभी को मेरा आशीर्वाद । - यह पुस्तक. जैन धर्म को समझने में आशादीप सिद्ध होइन्हीं मंगलकामना के साथ ।
- गणधराचार्य कुन्थुसागर
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