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समर्पण
जिन्होंने श्रद्धा एवं साधना के प्रत्यक्ष अनुभवों द्वारा कर्म
सिद्धान्त को जन-जन का श्रद्धागम्य बनाया।
जैन कर्म-विज्ञान के गहन अभ्यासी परम श्रद्धेय गुरुदेव उपाध्याय श्री पुष्करमुनि जी म. को सविनय सादर समर्पित.....
• देवेन्द्रमुनि
८१वी. जन्म-जयन्ती,
सादडी ।
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