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भारतीय श्वे. स्था. जैन कांफ्रेस (महिला) की उपाध्यक्षा हैं। तथा अनेक संस्थाओं के विभिन्न पदों से सम्बन्धित हैं। आप अपने पति के धार्मिक आदर्शों के पालन में तथा समाज-सेवा, दान, सन्त-सतियों की सेवा, वैयावृत्य, साहित्य प्रकाशन में उदारमन से सहयोग करती हैं तथा नित्य प्रति सामायिक, रात्रि-भोजन त्याग आदि धर्म की सक्रिय आराधना करती हुई जीवन को आदर्श बनाये हुए हैं। तत्त्वार्थ सूत्र पर आप एक सुन्दर व्याख्या लिख रही हैं।
समाज की यह आदर्श युगल जोड़ी राष्ट्र एवं समाज की सेवा में सतत यशस्वी बने यही शुभ कामना है।।
• शुभेच्छुक श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय, उदयपुर
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