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________________ प्रेतात्माओं का साक्षात और सम्पर्क : पुनर्जन्म का साक्षी १०५ प्रेत ने प्रत्यक्ष पर्चा देकर अपनी उपस्थिति प्रमाणित की अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर के इण्डाबरी मोहल्ले में एक भुतहा मकान था। वहाँ एक बार चार साहसी छात्रों ने भूत-प्रेतों की मान्यता को निरी भ्रान्ति समझ कर किराये पर ले लिया । एक दिन सहसा आंगन में कुर्सियों पर बैठे-बैठे उन्होंने पाया कि उनकी कुर्सियाँ सात-आठ फीट की उँचाई पर उड़कर स्थिर हो रही हैं। फिर एक रात सहसा पत्थर बरसने लगे। खोज-बीन करने पर मालूम हुआ कि ४-५ वर्ष पूर्व वहाँ एक डॉक्टर आत्म-हत्या कर चुका है। उसी प्रेतात्मा का यह करिश्मा है। छात्रों को वह मकान छोड़ना पड़ा। ' 'नवनीत' (हिन्दी डाइजेस्ट - सितम्बर १९६९) में प्रेतात्मा की एक घटना छपी थी- अमेरिका के 'रोजेनहीम एडवोकेट' के घर में सहसा टेलीफोन की घंटियाँ टनटना उठतीं। बिना स्विच दबाए ट्यूब लाइट जल उठतीं । बल्ब जल कर फट जाते। टेलीफोन उठाने पर गोलियों की बौछार सुनाई पड़ती। लगातार छान-बीन के बाद परामनोवैज्ञानिक 'प्रो. हान्स बोंडर' ने मामले की जांच की और पाया कि किसी न किसी भूत-प्रेत की यह करामात है, जो पूर्वजन्म में इस मकान से सम्बद्ध रहा है। ? धर्मयुग के १ दिसम्बर १९६३ के अंक में श्री दामोदर अग्रवाल ने भी ऐसी आपबीती प्रकाशित कराई है। उनके घर में सफाई के बावजूद दुर्गन्ध आती, अलमारी में ताले में बंद पूरियाँ रात को गायब हो जाने, धुले बर्तन सुबह जूठे मिलने, आंगन में रखे लड्डुओं की जगह गीली मिट्टी बच रहने, मिठाइयों के रातभर में सड़ जाने, रसोईघर में अजनबी पंजों के निशान अंकित होने तथा दीवारों आदि पर उंगलियों के चिह्न दिखने तथा दूध का भरा गिलास पलभर में गायब होने की घटनाएँ घटती थीं। ' हॉलीवुड की फिल्म अभिनेत्री 'किम मनोवाक' ने इंग्लैण्ड में अपनी आउटडोर शूटिंग के लिए 'कैंटरबरी' के एक प्राचीन किले - 'चिलहम कैसल' का स्थान चुना। "किम" एक दिन संगीत का कार्यक्रम टेलीविजन पर देख-सुन रही थी, कि अचानक उसके पैर संगीत की लहरों के साथ नृत्य करने लगे। उसे ऐसा लगा मानो किसी अदृश्य हाथों ने जबरन उसे पकड़ लिया है, और न चाहते हुए भी नृत्य करवा रही है। किम घबरा कर बेहोश होकर गिर पड़ी । होश में आने पर देखा तो वहाँ कोई नहीं दिखाई दिया। १ अखण्ड ज्योति जुलाई ७७ में प्रकाशित घटना से पृ. २९ २ वही, जुलाई १९७७ में प्रकाशित घटना से पृ. २९ ३. वही, जुलाई १९७७ में प्रकाशित घटना से पृ. २९ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004242
Book TitleKarm Vignan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1990
Total Pages644
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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