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________________ -७. २१-२२ ] लिंगप्राभृतम् ६९१ पुंश्चलिघरि जसु भुजइ णिच्चं संयुणदि पोसए पिंडं । पावदि वालसहावं भावविणट्ठो ण सो सवणो ॥ २१ ॥ गृहे यः भुंक्ते नित्यं संस्तोति पुष्णाति पिंडं | प्राप्नोति बालस्वभावं भावविनष्टो न स श्रवणः ॥२१॥ इ लिंगपाहुडमिणं सव्वं बुद्धेहि देसियं धम्मं । पालेहि कटु सहियं सो गाहदि उत्तमं ठाणं ॥ २२ ॥ इति लिंगप्राभूतमिदं सर्वं बुद्धेः देशितं धर्मं । पालयति कष्टसहितं स गहते उत्तमं स्थानं ॥ २२॥ इति श्री कुन्दकुन्दाचार्यविरचितलिंगप्रभृतकं समाप्तम् और चारित्र देता है वह पार्श्वस्थ मुनि से भी निकृष्ट है तथा भावलिङ्ग से शून्य है वह परमार्थं मुनि नहीं है । भावार्थ - जो मुनि अपने पदका ध्यान न कर स्त्रियों से संपर्क बढ़ाता है उन्हें पास में बैठा कर पढ़ाता है तथा दर्शन या चारित्र आदिका उपदेश देता है वह पार्श्वस्थ नामक भ्रष्ट मुनिसे भी अधिक निकृष्ट है । जब आकाओं से भी बात नहीं करते । सात हाथ की दूरी पर दो या दो से अधिक संख्या में बैठी हुई आर्यिकाओं से ही धर्म चर्चा करते हैं, उनके प्रश्नों का समाधान करते हैं तब गृहस्थ स्त्रियों को एक दम पास में बैठा कर उनसे सम्पर्क बढ़ाना मुनिपद के अनुकूल नहीं है । ऐसा मुनि भावलिङ्ग से शून्य है अर्थात् द्रव्यलिङ्गी परमार्थं मुनि नहीं है ||२०|| है पुच्छलिधरि - जो साधु व्यभिचारिणी स्त्री के घर आहार लेता है, निरन्तर उसकी स्तुति करता है तथा पिण्डको पालता है अर्थात् उसकी स्तुति कर निरन्तर आहार प्राप्त करता है वह बालस्वभाव को प्राप्त होता है तथा भाव से विनष्ट है वह मुनि नहीं है । भावार्थ - यह बड़ी धर्मात्मा है त्यागो व्रतो तथा मुनियों को सदा आहार देती है इस प्रकार व्यभिचारिणी स्त्री की प्रशंसा कर जो उससे आहार प्राप्त करता है वह अज्ञानी है ऐसा मुनि भावलिङ्ग से रहित है नहीं है ॥ २१ ॥ इलिंग - इस प्रकार यह लिङ्ग प्राभृत नामका समस्त शास्त्र ज्ञानी गणधरादि के उपदिष्ट है सो इसे जान कर जो कष्ट सहित धर्मका पालन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004241
Book TitleAshtpahud
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorShrutsagarsuri, Pannalal Sahityacharya
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year2004
Total Pages766
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, Principle, & Religion
File Size13 MB
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