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गाथा
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इष्टदर्शी मनुष्यों को मार्ग प्राप्त है परन्तु उन्मार्गदर्शी मनुष्यों का ज्ञान निरर्थक है आराधक कौन नहीं है ? शील की महिमा
१५-१८ शील का परिवार क्या है? गोल क्या-क्या है ? विषय रूपी विष की दारुणता
२१-२२ विषयासक्त जीवों को प्राप्त होने वाले दुःख तप और शील से युक्त मनुष्य विषय को विष के समान छोड़ देते हैं सब अंगों में शोल ही उत्तम अंग है विषयों के लोभी मनुष्य अरहर की घड़ी के समान संसार में भ्रमण करते है कर्म की गांठ को कौन छेदते हैं ! शील युक्त मनुष्य ही उत्कृष्ट निर्वाण को प्राप्त होता है शील के बिना मोक्ष नहीं होता
२९-३१ विषयों से विरक्त मनुष्य ही नरक की भारी वेदना को नष्ट करता है अतीन्द्रिय मोक्ष पद शील से प्राप्त होता है सम्यक्त्व, ज्ञान, दर्शन, तप और वीर्य पञ्चाचार पुरातन कर्मों को अग्नि के समान भस्म करते हैं विषयों से विरक्त मनुष्य ही सिद्धि को प्राप्त होते हैं शीलवान कौन है ? जिनशासन में बोधि को कौन प्राप्त होते हैं ? शीलरूपी सलिल में स्नान करने वाले जीव सिद्धि सुख को प्राप्त होते हैं आराधनाओं को प्रकट कौन करते हैं ? सम्यक्त्व, शील तथा ज्ञान का लक्षण
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