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________________ - २२ - इनकी कृति मानते हैं। तमिल-वेदके रूपमें सुविख्यात "तिरुक्कुरल" (कुरल काव्य ) नामक नीतिग्रन्थ भी इनकी कृति माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि आचार्य कुन्दकुन्दने चौरासी 'पाहुड' ग्रन्थोंकी रचना की थी । उपलब्ध पाहुडोंके अतिरिक्त अब इन चौरासीमेंसे कुछ पाहुडोंके नामोंके उल्लेख भी मिलते हैं। प्राकृत एवं जैन साहित्यके सुप्रसिद्ध मनीषि डॉ० ए० एन० . . उपाध्ये ने निम्नलिखित तैतालिस पाहुडों की सूची प्रस्तुत की है'-. १. आचार पाहुड, २. आलाप पाहुड, ३. अंग ( सार ) पाहुड, ४, आराहणा ( सार ) पाहुड, ५. बंध ( सार ) पाहुड, ६. बुद्धि या बोधि पाहुए, .. ७. चरण पाहुड, ८. चूलिया पाहुड, ९. चूणि पाहुड, १०. दिव्व पाहुए, ११. द्रव्य ( सार ) पाहुड, १२. दृष्टि पाहुड, १३. इयन्त पाहुड, १४. जीव पाहुक, १५. जोणि ( सार ) पाहुड, १६. कर्मविपाक पाहुड, १७. कर्म पाहुड, १८... क्रियासार पाहुड, १९. क्षपणासार या क्षपण पाहुड, २० लब्धि ( सार ) पाहुड, २१. लोय पाहुड, २२. नय पाहुड, २३. नित्य पाहुड, २४. नोकम्म पाहुड, २५. पंचवर्ग पाहुड, २६. पयड्ढ पाहुड, २७. पय पाहुड, २८. प्रकृति पाहुड, २९. प्रमाण पाहड, ३०. सलमी पाहुड (?), ३१. संठाण पाहुड, ३२. समवाय पाहुए, ३३. षट्दर्शन पाहुड, ३४. सिद्धान्त पाहुड, ३५. सिक्खा (शिक्षा) पाहुए, ३६. स्थान पाहुए, ३७. तत्त्व ( सार ) पाहुड, ३८. तोय (तीय ) पाहुर, ३९. ओषत पाहुर, ४०. उत्पाद पाहड, ४१. विद्या पाहुड, ४२. वस्तु पाहुड, ४३. विहिय या विहय पाहुड।' 'संयम प्रकाश' नामक ग्रन्थमें उपयुक्त पाहुडों के अतिरिक्त नामकम्म पाहुड, योगसार पाहुड, निताय पाहुड, उद्योत पाहुड, शिखा पाहुड ण्यन्न पाहुड नाम प्राप्त होते हैं। ___ आचार्य कुन्दकुन्दकी उपलब्ध कृतियोंमेंसे पञ्चत्थिकाय, समयपाहुड और पवयणसारको नाटकत्रय या प्राभृतत्रय कहा जाता है। समयसारमें ही जीव-अजीव तत्त्वोंका संसाररूपी रंगभूमिमें अपना-अपना पाठ ( रोल ) अदा करने वाला निरूपण किया गया है । अतः समयसारको नाटक कहा जा सकता है। परन्तु यह तीन ग्रन्थ मिलकर "प्राभूतत्रयो" कहलाते १. प्रवचनसार : अंग्रेजी भूमिका : पृष्ठ २५. संपा० डॉ० ए० एन० उपाध्ये, प्रकाशक-रायचंद ग्रन्थमाला, सन् १९३५. २. संयम प्रकाश : पृष्ठ ४५३, प्रका०-आचार्य सूर्यसागर दि० जैन ग्रन्थमाला समिति जयपुर, वी०नि० सं० २४७४. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004241
Book TitleAshtpahud
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorShrutsagarsuri, Pannalal Sahityacharya
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year2004
Total Pages766
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, Principle, & Religion
File Size13 MB
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