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________________ षट्प्राभृते [२. ३५भैक्ष्यशुद्धिरचौर्यव्रतभावना चतुर्थो भवति । ( साहम्मीसंविसंवादो) सधर्माणां संमुखो भूत्वा सम्यकप्रकारेण विसंवादो विगतसंवादो विवादो न क्रियतेऽचौर्यव्रतभावना पञ्चमी भवति ॥३३॥ आगे ब्रह्मचर्य महाव्रतकी पाँच भावनाएँ कहते हैं महिलालोयणपुव्वरइ सरणससत्तवसहि विकहाहि । पुट्टियरसेहिं विरओ भावण पंचावि तुरियम्मि ॥३४॥ महिलालोकनपूर्वरतिस्मरणसंसक्तवसति विकथाभिः । पुष्टरसैः विरतः भावनाः पञ्चापि तुर्ये ।।३४॥ (महिलालोयण ) महिलाया आलोकन स्त्री-मनोहराङ्ग-निरीक्षणं तस्माद्विरतः पराङ्मुखः । ( पुव्वरइसरण ) पूर्वरत स्मरणं पूर्व या स्त्रीभिः क्रीड़ा तस्याः स्मरणं चिन्तनं तस्माद्विरतः । ( संसत्तवसहि ) स्त्रीणां समीपतरे या वसतिनिवासः तस्माद्विरतः निजशरीरसंस्कार-रहित इत्यर्थः । ( विकहाहि ) विकथाया विरतः स्त्रीरागकथा विवर्जित इत्यर्थः ( पुठ्ठिय रसेहिं विरओ ) पुष्टिकररसस्य सेवा-रहितः वृष्यरसस्यानास्वादक इत्यर्थः यस्मिन् रसे सेविते 'वृषवत् शण्डवत् कामी भवति स रसो वृष्यः कथ्यते वाजीकरणरसं न सेवते । ( भावण पंचावि तुरियम्मि ) एताः पंचापि भावनास्तुरीये चतुर्थ ब्रह्मचर्यव्रते भवन्ति ॥३४॥ होकर सम्यक् प्रकारसे विसंवाद का अभाव करना अर्थात् 'यह वस्तु हमारी है' 'यह तुम्हारी है' इस प्रकार विवाद नहीं करना अचौर्यमहाव्रत की पांचवीं भावना है ॥३३॥ गाथार्थ-महिलालोकन विरति, पूर्वरतिस्मरणविरति, संसक्तवसति विरति, विकथा विरति और पुष्टिरस सेवन-विरति ये पांच ब्रह्मचर्य महाव्रतकी भावनाएं हैं ॥३४॥ विशेषार्थ-स्त्रियोंके मनोहर अङ्गोंके देखने से विरत होना, पहले स्त्रियोंके साथ जो क्रीडा की थी उसके स्मरणसे विरत रहना, स्त्रियों के अत्यन्त निकटवर्ती वसतिका में रहनेका त्याग करना और अपने शरीरकी सजावटसे दूर रहना, स्त्रियों में राग बढ़ाने वालो कथाओंका त्याग करना, और जिस रसके सेवन करने पर वृष अर्थात् सांडके समान मनुष्य कामी हो उठता है ऐसे पुष्टि-कारक रस रसायन आदिके सेवनका त्याग मनाहान की भावना Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004241
Book TitleAshtpahud
Original Sutra AuthorKundkundacharya
AuthorShrutsagarsuri, Pannalal Sahityacharya
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year2004
Total Pages766
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, Principle, & Religion
File Size13 MB
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