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प्र.162 श्रोता का अनन्तर प्रयोजन क्या है ? उ. श्रोता का अनन्तर प्रयोजन चैत्यवंदन सम्बन्धी ज्ञान प्रात करना, विधिवत्
उसे जीवन में धारण करना और अपनी त्रुटियों को सुधारना है। प्र.163 श्रोता का परम्पर प्रयोजन क्या है ? ' उ. ज्ञान को आचरण में ढालकर कर्मों की निर्जरा करके सिद्धावस्था को
उपलब्ध होना, श्रोता का परम्पर प्रयोजन है। ...
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लेखन का प्रयोजन
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