________________
... जाता है - 1. सामायिक व्रत 2. देशावगासिक व्रत 3. पौषध व्रत 4.
अतिथि संविभाग व्रत । प्र.1465 गुणव्रत के नाम बताइये । उ. गुणव्रत तीन होते है - 1. दिक्परिमाणव्रत 2. भोगोपभोग परिमाण व्रत
3. अनर्थदंड विरमणव्रत । प्र.1466 श्रावक प्रतिमा के नाम बताइये । उ. श्रावक की ग्यारह प्रतिमा होती है - 1. दर्शन प्रतिमा 2. व्रत प्रतिमा 3.
सामायिक प्रतिमा 4. पौषध प्रतिमा 5. कायोत्सर्ग प्रतिमा 6. बह्मचर्य प्रतिमा 7. सचित्त त्याग प्रतिमा 8. आरंभ त्याग प्रतिमा 9. प्रेष्य त्याग प्रतिमा 10.
उदिष्ट आहार त्याग प्रतिमा 11. श्रमण भूत प्रतिमा । प्र.1467 यति के दस धर्म कौन से होते है ? (यति के दस गुण) उ. यति (साधु, श्रमण) के दस धर्म निम्नोक्त होते है -
1. क्षान्ति - क्षमा, क्रोध का अभाव, शक्ति के अभाव में भी सहन :
करना (सहनशीलता) । 2. मार्दव - नम्रता, गर्व का अभाव । 3. आर्जव - सरलता रखना, माया का अभाव । 4. मुक्ति - बाह्य व आभ्यन्तर दोनों प्रकार के परिग्रह के प्रति तृष्णा ... का अभाव । 5. तप - 12 प्रकार से तप, जिससे आत्मा पर लगे कर्म विलगित
-
हो।
6. संयम
- नये कर्मों को आने से रोकना (आस्रव विरति) ।
वैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी
417
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org