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________________ 362 43. गन्ने आदि को साफ करना 44. गाय, घोडा, आदि रखना 45. आग जलाकर तापना 46. रसोई बनाना 47. सिक्के आदि के परीक्षण करना 48. यथाविधि निसीहि का प्रयोग न करना 49-52 छत्र, चामर, शस्त्र, उपानह आदि धारण करना 43. मन को स्थिर न करना 44. हाथ-पैर आदि दबाना 55. सचित्त का त्याग न करना 56. अचित्त का त्याग (हार, आदि आभुषणों का त्यागकर मंदिर जाना) 57. जिनेश्वर परमात्मा के दर्शन होते ही अंजलिबद्ध प्रणाम न करना 58. एक वस्त्र का उत्तरासन धारण न करना 59. मुकुट धारण करना 60. पुष्प आदि से निर्मित आभरण मस्तक पर धारण करना 61. साफा, पगडी आदि धारण करना 62. कबूतर, नारियल आदि की शर्त लगाना 63. गेंद, गोली, कोडी, इत्यादि खेलना 64. पितर आदि के निमित्त जिनमंदिर में पिण्डदान करना 65. भांड की तरह तालियाँ आदि बजाना, 66. तिरस्कार सुचक शब्द बोलना 67. युद्ध आदि करना 68. कर्जदार को मंदिर में बंद करना 69. केशों को खोलना, सुखाना 70. पालथी लगाकर बैठना 71. काष्ठ पादुका धारण करना 72. पैर फैलाना ( पसारना) 73 सीटी, चुटकी, पीपाडी आदि बजाना 74. हाथ-पाँव आदि धोकर कीचड करना 75. शरीर, वस्त्र आदि पर लगी धूल झाडना 76. मैथुन सेवन करना 77. जूं, लीख आदि डालना 78. भोजन करना 79. गुह्य (नग्न होना) / जुज्झ (दृष्टि युद्ध, बाहु युद्ध करना) 80. वैद्य कर्म करना 81. क्रयविक्रय करना 82. सोना, लेटना 83. जलादि पीना, पिलाना वहाँ रखना 1 4 84. स्नान करना, हाथ-पाँव आदि धोना । इनके अतिरिक्त और भी हंसना, कूदना आदि सावद्य चेष्टाएं आशातना चौबीसवाँ आशातना द्वार Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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