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________________ उ. पांच भागों में - 1. उपांग सूत्र 2. प्रकीर्णक सूत्र 3. छेद सूत्र 4. मूल सूत्र 5. चूलिका सूत्र । प्र.74 उपांग किसे कहते है ? उ. उप + अंग । उप यानि समीप, जो अंग (आगम सूत्र) के समीप ले जाता है, उसे उपांग कहते है। अंग के विषय का विस्तार जिसमें किया जाता है, उसे उपांग कहते है । प्रत्येक अंग का अपना स्वतन्त्र उपांग होता है, जिनकी रचना गणधर भगवंत करते है। प्र.75 उपांग आगम कितने है ? नाम बताइये । उ. बारह है - 1. औपपातिक 2. राजप्रश्नीय 3. जीवाभिगम 4. प्रज्ञापना 5. सूर्यप्रज्ञप्ति 6. जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति 7. चन्द्र प्रज्ञप्ति 8. निरयावलिका ___9. कल्पवंतसिका 10. पुष्पिका 11. पुष्प चूलिका 12. वह्नि दशा । प्र.76 बारह उपांग आगमों में से कौन से आगम कालिक है ? उ... 1. जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति 2. चंद्रप्रज्ञप्ति 3. निरयावलिका 4. कल्पवतंसिका 5. पुष्पिका 6. पुष्प चूलिका 7. वह्नि दशा । प्र.77 कौनसे उपांग आगम उत्कालिक श्रुत है ? उ. निम्न पांच - 1. औपपातिक 2. राजप्रश्नीय 3. जीवाभिगम 4. प्रज्ञापना - 5. सूर्य प्रज्ञप्ति । प्र.78 प्रकीर्णक (पयन्ना) किसे कहते है ? उ.. तीर्थंकर परमात्मा के स्वहस्त दीक्षित शिष्यों की रचना को प्रकीर्णक कहते है। प्राकृत भाषा में इसे पयन्ता कहते है । प्र.79 प्रकीर्णक सूत्र कितने है ? नाम बताइये । ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी 21 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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