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________________ निरुपण करने वाला सूत्र, आवश्यक सूत्र कहलाता है । प्र. 57 आवश्यक सूत्र को किसकी संज्ञा दी गई है ? मूल सूत्र की संज्ञा दी गई है । उ. प्र.58 नंदी सूत्र में आवश्यक के कितने प्रकार बताये है ? उ. गया है, उसे आवश्यक सूत्र कहते है । आध्यात्मिक साधना के हेतु जो अवश्य करणीय है, उन छः अवश्य करणीय (आवश्यक) कार्यों का छः प्रकार 1. सामायिक 2. चतुर्विंशतिस्तव 3. वंदनक 4. प्रतिक्रमण 5. कायोत्सर्ग 6. प्रत्याख्यान । प्र.59 आवश्यक व्यतिरिक्त श्रुत कितने प्रकार के होते है ? उ. नंदीसूत्रानुसार दो प्रकार 1. कालिक श्रुत 2. उत्कालिक श्रुत । 18 प्र. 60 कालिक श्रुत किसे कहते है ? उ. - जिस सूत्र का स्वाध्याय दिवस व रात्रि के प्रथम और अन्तिम प्रहर में ही किया जाता है, उसे कालिक श्रुत कहते है I प्र. 61 नंदी सूत्रानुसार कालिक श्रुत के कितने भेद है ? उ. इकतीस भेद है 1. उत्तराध्ययनं सूत्र 2. दशा श्रुतस्कंध 3. कल्पवृहत्कल्प 4. व्यवहार 5. निशीथ 6. महानिशीथ 7. ऋषिभाषित 8. जम्बुद्वीप प्रज्ञप्ति 9. द्वीपसागर प्रज्ञप्ति 10. चंद्रप्रज्ञप्ति 11. क्षुद्रिका विमान विभक्ति 12. महल्लिका विमान विभक्ति 13. अंग चूलिका 14. वर्ग चूलिका 15. विवाह चूलिका 16. अरुणोपपात 17. वरुणोपपात 18. गरूडोपपात 19. धरणोपपात 20. वे श्रमणोपपात 21. वेलंधरोपपात 22. देवेन्द्रोपपात 23. उत्थानश्रुत 24. समुत्थान श्रुत 25. नाग परिज्ञापनिका 26. आगमों के भेद-प्रभेद Jain Education International - For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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