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________________ प्र.965 कितने अधिकार ललित विस्तरा नाम की वृत्ति आदि के अनुसार . मान्य है ? उ. नौ अधिकार श्री ललीत विस्तरा नाम की वृत्ति आदि के अनुसार मान्य है। प्र.966 ललीत विस्तरा में कौन से अधिकारों का कथन नही किया गया है ? उ. ललीत विस्तरा में दूसरे, दसवें और ग्यारहवें अधिकार का कथन नही किया गया है। प्र.967 ललित विस्तरा के अनुसार कौन से अधिकार सूत्र प्रमाणिक है ? उ. दूसरे, दसवें व ग्यारहवें अधिकार को छोड शेष समस्त अधिकार प्रमाणिक है। प्र.968 क्या ये तीनों अधिकार फिर शास्त्र विरुद्ध है ? उ. नहीं, उपरोक्त तीनों ही अधिकार गीतार्थ पूर्वाचार्यों द्वारा कृत नियुक्ति और चूर्णि में कह गये है, इसलिए प्रमाणिक होने से शास्त्र विरुद्ध नही है। प्र.969 दूसरा, दसवाँ व ग्यारहवाँ अधिकार किस परम्परा से है ? . उ. उपरोक्त तीनों अधिकार गीतार्थ पूर्वाचार्यों द्वारा कथित है, इसलिए ये तीनो श्रुत परम्परा से है। प्र.970 आवश्यक चूर्णि में सिद्धाणं-बुद्धाणं की कितनी गाथाओं का कथन किया है? उ. प्रथम तीन गाथाओं का कथन किया है। प्र.971 आवश्यक चूर्णि के अनुसार कौन से दो अधिकार इच्छानुसार कहने चाहिए ? उ. दसवाँ व ग्यारहवाँ अधिकार इच्छानुसार कहने चाहिए । ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ 254 बारहवाँ अधिकार द्वार Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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