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________________ प्र.852 जीव संपदा में कौनसे पदों का समावेश होता है ? उ. जीव संपदा में एगिदिया,बेइंदिया,तेइंदिया, चउरिंदिया,पचिंदिया; इन पांच पदों का समावेश होता है। प्र.853 इरियावहिया सूत्र की सबसे बडी संपदा का क्या नाम है ? उ. सबसे बडी संपदा का नाम 'विराधना' संपदा है। प्र.854 विराधना संपदा में कितने व कौनसे पद है ? । उ. विराधना संपदा में ग्यारह पद-अभिहया, वतिया, लेसिया, संघाइया संघट्टिया, परियाविया, किलामिया, उद्दविया, ठाणाओ ठाणं संकामिया, जीवियाओ ववरोविया, तस्स मिच्छामि दुक्कडं है। प्र.855 अंतिम संपदा का सहेतुक नाम व संपदा के पदों के नाम बताइये? उ. अंतिम आठवीं संपदा का नाम 'प्रतिक्रमण संपदा' है। इस संपदा में कुल छ: पद-तस्स उत्तरी करणेणं, पायच्छित करणेणं, विसोही करणेणं, विसल्ली करणेणं, पावाणं कम्माणं निग्घायणट्ठाए, ठामि काउस्सग्गं है। शक्रस्तव की संपदा 4.856 'शक्रस्तव' (नमुत्थणं) सूत्र की रचना किसने की ? उ. 'महापुरुष प्रणीतश्चाधिकृत दण्डकः आदिमुनिभिरर्हच्छिष्यैर्गणधरैः प्रणीतत्वात् ।' अर्थात् अरिहंत परमात्मा के प्रथम गणधर आदि महर्षि ____ द्वादशांग श्रुत सागर के प्रणेता द्वारा 'शक्रस्तव' की रचना की गई । ललीत विस्तरा पेज 86 (हिन्दी) 4857 नमत्थुणं सूत्र की कुल कितनी सम्पदा है और प्रत्येक संपदा में कितने पद है? उ. नमत्थुणं सूत्र की नौ संपदा है और प्रत्येक संपदा में क्रमशः दो, तीन ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ चैत्यवंदन भाष्य प्रश्नोत्तरी 223 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004240
Book TitleChaityavandan Bhashya Prashnottari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVignanjanashreeji
PublisherJinkantisagarsuri Smarak Trust
Publication Year2013
Total Pages462
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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