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विषय-सूची
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गाथा-संख्या
८३-८४
बन्धननामकर्मके भेदोंका निरूपण संघातनामकर्मके , " संस्थाननामकर्मके भेदोंका निरूपण भांगोपांगनामकर्मके , , आठ अंगोंके नाम विहायोगतिनामकर्मके भेद संहनननामकर्मके भेद वज्रवृषभनाराचसंहननका स्वरूप वज्रनाराचसंहननका नाराचसंहननका अर्धनाराचसंहननका कोलकसंहननका सपाटिकासंहननका किस संहननका धारक किस स्वर्ग तक उत्पन्न हो सकता है, यह वर्णन किस संहननका धारक किस नरक तक , सातों नरकोंके नाम किस संहननका धारक किस गुणस्थान तक चढ़ सकता है विकलेन्द्रिय और भोगभूमियाँ जीवोंके संहननका वर्णन चौथे, पाँचवें और छठे कालके जीवोंके संहननका निरूपण विदेहवी, विद्याधर और म्लेच्छ मनुष्य तथा तियंचोंके संहननका वर्णन कर्मभूमियाँ स्त्रियोंके संहननका वर्णन वर्ण और गन्धनामकर्मके भेदोंका वर्णन रस और स्पर्श नामकर्मके , आनुपूर्वी नामकर्मके पिण्डप्रकृतियोंका उपसंहार और अपिण्डप्रकृतियोंके निरूपणकी प्रतिज्ञा अगुरुषटकप्रकृतियोंका नाम-निर्देश आतप और उद्योतनामकर्मका स्वरूप वा अन्तर शेष अपिण्डप्रकृतियोंके नाम त्रस-द्वादशक प्रकृतियोंके नाम स्थावर-दशक ".. " गोत्रकर्मके मेदोंका निर्देश अन्तरायकर्मके ,, , बन्ध और उदयकी अपेक्षा नामकर्मकी प्रकृतियोंका परस्परमें अन्तर्भाव अबन्ध प्रकृतियोंका नाम-निर्देश पाठों कोंकी बन्ध-योग्य प्रकृतियों की संख्या आठों कर्मोंकी उदय-योग्य प्रकृतियोंकी संख्या भेद और अभेदकी अपेक्षा बन्ध और उदय-योग्य प्रकृतियोंकी संख्या आठों कोंकी सत्त्व-योग्य प्रकृतियोंकी संख्याका निर्देश
९७.९०
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