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गोल असंख्यात हैं, एक गोल में असंख्यात निगोद रहते हैं। जितने जीव व्यवहार राशि से निकल कर माक्ष जात हैं, उतने ही जीव अव्यवहार राशि से निकल कर व्यवहार राशि में आ जाते हैं ।५१५ जीव के अनेक नामों के कारण :____जीव श्वास और निःश्वास में प्राणवायु लेता और छोड़ता है इसीलिए वह प्राणी कहलाता है। वह भूतकाल में था, वर्तमान में है और भविष्य में रहेगा, अतः उसे भूत कहना चाहिये । वह जीवन जीता है, जीवत्व एवं आयुष्यकर्म का अनुभव करता है, अतः उसे सत्त्व कहना चाहिये । वह रसों का ज्ञाता है, अतः उसे विज्ञ कहना चाहिये । वह सुख-दुःख का वेदन करता है, अतः उसे वेद कहना चाहिये।५१६
५१५. स्याद्वादमंजरी २९ पृ. २५९ पर उद्धृत ५१६. भगवती २.१.८ (२)
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