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तपाना है; न कि शरीर को। तप मन की मलिनता को दूर करता है; तप वही है जिसमें मन अमंगल का चिन्तन न करें।
इस प्रकार उत्तराध्ययनसूत्र में चतुर्विध मोक्षमार्ग का व्यापक रूप से विवेचन किया गया है।
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