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योग शास्त्र
इस प्रकार ब्रह्मचर्य का पालन सभी दृष्टियों से हितकर है। अनैच्छिक ब्रह्मचर्य का पालन करने से चक्रवती का अश्व भी देवलोक में जाता है तो स्वैच्छिक ब्रह्मचर्य के पालन से मोक्ष की प्राप्ति हो तो कोई बड़ी बात नहीं है ।
कलहावतार नारद मुनि एकमात्र विशुद्ध ब्रह्मचर्य के कारण स्वर्ग या मोक्ष में जाता है ।
इस प्रकार ब्रह्मचर्य के यथाशक्य पालन के लिए प्रत्येक मानव को तत्पर होना चाहिए ।
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