SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 293
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ योग शास्त्र [२६७ शंख सम्राट् की पत्नी कलावती के हाथ काट दिए गए। तथापि शील के प्रभाव से वे वापिस जुड़ गए। ___ 'नलस्य दयिता' दमयंती को उस का पति नल वन में निराधार छोड़कर चला गया। दमयंती ने वन में अनेक कष्टों का सामना किया । परन्तु वह फिर भी नल पर ही अनुरक्त रही तथा अंत में नल के साथ ही उसका पुनः परिणय हुआ। प्रभावती उदयन की पत्नी थी। उस के शील कौशल से ही भगवान महावीर की जीवित स्वामी की प्रतिमा, का पेटी में से उद्घाटन हो सका था। ____ गांधारी धृतराष्ट्र की पत्नी थी, उस ने अपने पति को अन्ध देख कर स्वयं भी स्वचक्षओं पर पट्टी बाँध ली थी। इस सतीत्व के प्रभाव से दर्योधन के निर्वस्त्र शरीर को देखने मात्र से ही वह वज्रमय बन गया था। यह बात अलग है कि दुर्योधन ने कौपीन पहन रखो थी अतः वह भाग कच्चा रह जाने के कारण भीम की गदा वहाँ लगी तथा दुर्योधन की मृत्यु हो गई। मनोरमा ने अपने पति सुदर्शन के शूली पर चढ़ने के समाचार प्राप्त करने के पश्चात् अपने सतीत्व की परीक्षा की उस ने कहा कि यदि मेरा सतीत्व अखंड हो तो सुदर्शन सेठ का संकट टल जाए तथा सचमुच सुदर्शन की शूलि का सिंहासन बन गया। मदन रेखा अपने पति युगबाहु को मरण शय्या पर पड़े देख कर भी विचलित नहीं हुई तथा मणिरथ के वर्चस्व के आगे नहीं झुकी। ____ अंजना सुन्दरी को एक छोटे से वहम के कारण पवनंजय ने २२ वर्ष तक त्याग किया, परन्तु अंजना के मन में 'पर' पुरुष के प्रति कोई दुर्विचार भी न आया । अन्त में पवनंजय के द्वारा ही गर्भ धारण करने पर उसपर कलंक लगाया गया तो भी अंजना ने पति के ऊपर दुर्भाव न रखा तथा कर्मगति को ही इस कर्मफल Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004233
Book TitleYogshastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashobhadravijay
PublisherVijayvallabh Mission
Publication Year
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy