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________________ योग शास्त्र [२५७ थे। वह औरंगजेब के सामने से हो कर निकली । औरंगजेव ने देखा। कि "अहो ! मेरी पुत्री ! और उस की यह निर्लज्जता!" यौवन का प्रारम्भ हो चका है और वे बस्त्र......" औरंगजेब क्रोधावेश में आ जाता है तथा कहता है कि, 'यह अच्छा प्रदर्शन है । जा “पहले अन्य वस्त्र परिधान करके आ। फिर आकर मेरी बात सुन ।” राजकन्या वस्त्र परिवर्तन करके आई तथा करबद्ध हो खड़ी हो गई । औरंगजेब बोला, “आगे से ऐसे वस्त्र मत पहनना यह फैशन मेरे राज्य में नहीं चलेगा। यदि आगे से ऐसे वस्त्र पहने तो राजमहल से तुझे बाहर निकाल दिया जाएगा।" ___ क्या आप अपने बच्चों को ऐसा कन्ट्रोल करते हैं ? नेपोलियन बोनापोर्ट जो एक स्वप्न देखा करता था कि 'मैं सारे संसार का बादशाह बनंगा।' उसने सारे यूरोप को जीता था तथा विजय प्राप्त करते-करते काफी दूर पूर्व तक आ पहुंचा था। उसकी विजय के पीछे भी उसकी सदाचार-प्रियता की छिपी कहानी है । वह युवावस्था में जहां शिक्षा का अर्जन कर रहा था उसके सामने एक परिवार रहता था। उस गृह में एक महिला ने नेपोलियन को देख कर उसे अपने जाल में फंसाने का निर्णय : किया। तदनन्तर उसने नेपोलियन को पत्र भी लिखा परन्तु नेपोलियन ने उस की किसी बात का कोई जबाव न दिया। .. सेनापति बनने के पश्चात् जब वह तुर्किस्तान की ओर जा रहा था तो उस ने फिर उसी स्थान पर अपनी छावनी जमा ली। उस स्त्री को पता लगा कि नेपोलियन आया है । तो वह नेपोलि यन को पहचान नहीं पाती है। नेपोलियन उसे पहचान लेता है। .. उस स्त्री ने प्रश्न पूछा कि “क्या आपही नेपोलियन हैं ?"तो उसने कहा कि क्या बात करती है यदि मैं तेरे चक्कर में पड़ गया होता तो आज मैं सम्राट न होता ?' Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004233
Book TitleYogshastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashobhadravijay
PublisherVijayvallabh Mission
Publication Year
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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