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अचीय कर चोरी करके भी क्या आप उसे सधर्मी सेवा तथा दान पुण्य में लगाना चाहते हैं ? यदि कर चोरी करके आप उस राशि को दान पुण्य में लगा देते हैं तो भी किसी रूप में ठीक है । परन्तु मनी को ब्लैक मनी बना कर दान करने से कहां श्रेयान् होगा ? आप शासन की अनुमति लेकर धार्मिक टस्ट बनाएं तथा सरकार की सहमति से ही उस ट्रस्ट के धन को सत्कार्यों में लगाएं।
ब्लैक मनी को कभी भल कर भी घर में मत रखना । वह मनी आपके लिए अनेक अनर्थों को जन्म देगी। उस मनी को यदि सत् कार्यों में नहीं लगाया तो अवश्य ही वह ब्लैक मनी आप के लिए रोग, शोक, दुर्भिक्ष, हानि आदि ब्लैक फारच्यण लेकर आये गी? उस मनी का उपयोग करने से वह मनी शरीर में ही रोग बन कर फूट सकती है।
मैं ब्लैक मनी को बनाने का समर्थन नहीं कर रहा हूं। मात्र उस धन को चैरिटी में लगाने का परामर्श दे रहा हूं। उस से आप के पाप का ब्याज कुछ तो चुकाया जा सकेगा। यदि ब्लैक मनी का पश्चाताप करके आगे से यह कार्य छोड़ देने का संकल्प ले लिया जाए तो पाप के मूल से भी मुक्ति हो सकती है।
यदि टैक्स आदि देकर आप सरकार को देशरक्षा तथा देशोत्थान में सहयोग देते हैं तो यह भी पुण्य का ही एक प्रकार है। देश रक्षा के लिए जैन श्रावक भामा शाह ने अपना सर्वस्व (वाइट मनी) महाराणा प्रताप के चरणों में अर्पित कर दिया, तो क्या आप देश के लिए सरकार का उचित अधिकृत धन सरकार को नहीं दे सकते ?
दुकान पर यदि आप १० रु० की वस्तु का २० रु० बनाते हैं तो आप का बच्चा भी उसी अनुपात में शोषण की ही छूत खेलेगा। गरीबों की मृगया उसे कठोर हृदय बना कर एक पक्का
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