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________________ २०८ ] सत्य ज्ञान होते हुए भी किसी ने जूतों के दर्शन के रहस्य पर से पर्दा नहीं उठाया । बताइये | यहां बैठे इतने लोगों में से किसी ने भी सत्य का आश्रय लिया? यह सिद्ध हो चुका है कि जमाना झूठ का है। परन्तु सत्य सदैव कट होता है । उस का सामना तो करमा ही पड़ता है । जो सत्य का सामना करने से घबराता है, वह आत्मवचना करता है, स्वयं को ठगता है । किसी व्यक्ति ने फटी कमीज के ऊपर सुन्दर कोट पहना हो तो वास्तविकता क्या होती है ? वह कोट वास्तविकता नहीं होती । कोट के अन्दर वह फटी हुई कमीज ही सत्य की द्योतक होती है । कभी कभी जन-प्रवाह के विरुद्ध भी सत्य के पक्ष में हो जाना आवश्यक हो जाता है कोई कुलटा स्त्री किसी सच्चारित्र व्यक्यि पर दुराचार का आरोप लगा दे तो समस्त जनता तथा वहां एकत्र होने वाला जन समूह उस महिला की बात पर सद्यः विश्वास कर लेता है । लोगों में इतनी बुद्धि कहां होती है कि वे उस व्यक्ति को ही निर्दोष घोषित करें । सारी भीड़ में एक आध व्यक्ति ही ऐसा दिखेगा जो कि समय की खोज करता हुआ निष्पक्ष हो कर उस उस व्यक्ति का पक्ष करे । वर्तमान में बहुमत का युग है। बहुमत जो कहे, वह सत्य माना जाता है । परन्तु यदि असत्य के पक्ष में सभी लोग इकट्ठे हो जाएं तो भी सत्य, सत्य ही रहता है तथा देर सबेर उस सत्य के पक्षपाती की विजय ही होती है । परन्तु सत्य कहने का साहस व्यक्ति में होता चाहिए तथा जनता में भी सत्य परखते की बुद्धि Jain Education Internatio होनी चाहिए । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004233
Book TitleYogshastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashobhadravijay
PublisherVijayvallabh Mission
Publication Year
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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