________________
११४]
1
सम्यग्यदर्शन : मोक्ष का प्रथम सोपान धीरे से । यदि धीरे से चलाओगे तो दुर्घटना की भी संभावना नहीं तथा अपनी मन्जिल पर पहुंचने की भी संभावना नहीं । यदि तेज चलाओगे तो दो संभावनाएं हो सकती हैं या तो दुर्घटना होगी या नहीं होगी । यदि दुर्घटना न हुई, तो कोई बात नहीं । परन्तु यदि दुर्घटना हुई तो दो संभावनाएं हो सकती हैं या तो तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी या अंगभंग हो जाएगा । यदि मृत्यु हो गई तो कोई बात नहीं, क्योंकि प्रत्येक मानव को जीवन में एक ही बार मरना है । परन्तु यदि अंगभंग हो गया, तो दो संभावनाएं हो सकती हैं या तो तुम्हारा अंग सर्जरी आदि से जोड़ दिया दिया जाएगा या नहीं जोड़ा जाएगा । यदि नहीं जोड़ा गया, तो कोई बात नहीं क्योंकि घर में तुम आजीवन आराम करोगे । यदि अंग जुड़ गया तो दो संभावनाएं हो सकती हैं-या तुम ट्रेन चलाओगे या नहीं चलाओगे । यदि ट्रेन चलाओगे तो २ संभावनाएं हो सकती है या 'स्पीड' से चलाओगे या 'स्लो' । स्पीड से चलाओगे तो फिर दो संभावनाएं होंगी या तो दुर्घटना होगी या..........
पाठको ! क्या ड्राइवर ऐसे तर्कों से अपने प्रश्न का उत्तर प्राप्त कर सकेगा ? हरगिज नहीं ।
ऐसे तर्कों से व्यक्ति सुलझता नहीं, उलझता चला जाता है । कई बार कुतर्क का उत्तर कुतर्क से ही देता पड़ता है । तभी कुतर्कवादी शांत होता है ।
एक इंस्पेक्टर था । वह बहुत ही बददिमाग़ था । जिस किसी स्कूल में जाता, वहां उल्टे सीधे प्रश्न करके विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को परेशान किया करता ।
एक बार वह एक स्कूल में पहुंचा । वह एक कक्षा में जाकर बोला, “देखो बच्चो ! मैं तुम्हें एक प्रश्न पूछता हूं । तुम ने मेरे प्रश्न का सही उत्तर दे दिया, तो मैं तुम को ईनाम दूंगा, नहीं तो कम्पलेंट बुक में तुम्हारी शिकायत लिख दूंगा । कम्पलेंट
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org