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________________ योग शास्त्र कारण सन्तुष्ट हो जाता है । How ( कैसे ) - यह बात कैसे है ? यह तीसरा प्रश्न है । यह बात ऐसे ही बनी, न बनी ? इस की पृच्छा करते ही ज्ञान की वृद्धि होती है । — When ( कब ) - इस 'when' से ज्ञात हो जाता है । Who ( कौन) - जिस की बात तुम करते हो, वह कौन है, किस आकृति - प्रकृति का स्वामी है । अतः यह who भी ज्ञान वर्धक है । ७७ किस रीति से बनी ? अन्यथा रूप से क्यों Where ( कहां ) - यह सब किस स्थान पर हुआ ? यह प्रसंग कब हुआ ? सारा इतिहास किसी भी प्रसंग पर मेरे ६ प्रश्न होते हैं। वर्तमान में मेरा समस्त ज्ञान इन बातों पर आधारित है । ये प्रश्न मात्र व्यवहार में ही नहीं, अध्यात्म में भी काम आते हैं । What - आत्मा क्या है ? Why - वह संसार में क्यों भ्रमण करती है ? How - वह किस रीति से जन्म-मरण धारण करती है ? वह कैसे फल भोगती है तथा मोक्ष में कैसे स्थान ग्रहण करती है ? Who - यह आत्मा कौन है ? जड़ है या चेतन ? या कुछ और ? When - आत्मा के पाप-पुण्य कब से प्रारम्भ हुए ? आत्मा को मोक्ष कब होता है ? Jain Education International Where - आत्मा कहां-कहां भ्रमण कर रही है ? तथा उस का मोक्ष कहां होगा ? आप ने कितने गुरु बनाए हैं ? साधुओं के व्याख्यान तो सुने, परन्तु सम्भवतः उन में एक को भी अपना गुरु नहीं बनाया । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004233
Book TitleYogshastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashobhadravijay
PublisherVijayvallabh Mission
Publication Year
Total Pages330
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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