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उतना ही लेना चाहिए, पूजा की थाली एवं कटोरी, पूजा करने के बाद जहाँ-तहाँ नहीं रखनी चाहिए, यथा स्थान पर रखनी चाहिए । • थाली एवं कटोरी का पानी भी किसी के पाँवों में नहीं आना चाहिये ।
* फूल पूजा *
फूल भगवान को सूँघा कर चढ़ाने की कोई विधि नहीं है ।
• बाहर शुद्ध फूल न मिलें तो सामूहिक या घर पर इसकी व्यवस्था हो सकती है। फूल पूजा का लाभ बहुत ही जबरदस्त है । उदाहरण नागकेतु, कुमारपाल, पेथड़, धनसार आदि ।
• फूल नहीं मिलें तो लोंग आदि नहीं चढ़ाने चाहिए। चाँदी के फूल या कुसुमांजलि चढ़ा सकते हैं ।
स्नात्र में कुसुमांजलि का अर्थ - अंजली भर कर फूल। अगर फूल न मिले तो चावल में केसर गुड नाईट - 57
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