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1819 प्रासांगिक देवद्रव्य चर्चा
चढ़ावा बोलकर तुरंत रकम जमा कर चढ़ावे का लाभ लेना चाहिए। यह संभव न हो तो घर पहुँचते ही पहले देव द्रव्य का पैसा भरकर बाद में मुँह में पानी डालना चाहिए। देवद्रव्य की रकम बैंक में रखने, या ब्याज दर पर देने की जरूरत नहीं है। जीर्णोद्वार में तुरंत लगा देनी चाहिए। क्योंकि बैंक मत्स्योद्योग, कत्लखाने आदि में खुले आम लोन देती है, उसमें अपना द्रव्य जाये तो? सोचें! निर्माल्य द्रव्य (बादाम वगैरह) वापस नहीं चढ़ाने चाहिए। गंभारे में प्रवेश करते समय दाहिना पैर पहले अंदर रखना। बायाँ स्वर चालू हो तब पूजा करनी चाहिये। प्रभु की पूजा नव-अंग पर ही करनी चाहिये। चरण अंगूठे पर पूजा करने से १००० उपवास का लाभ मिलता है। पूजा अनामिका अँगुली से ही क्यों?
- गुड नाईट - 54
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