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________________ 17 चंदन पूजा चंदन से प्रभु के अंग पर विलेपन पूजा करनी चाहिये। आंगी - विलेपन करने के पश्चात् आंगी करनी चाहिये। सोने के बरख की आंगी करने से बहुत सी अंतराये टूट जाती हैं। फालना-वरकाणा में रोजाना एक भाई की ओर से सोने के बरख की आंगी बनती है। आंगी में बरख वापर सकते हैं कारण कि सोना, चाँदी अशुद्धि को ग्रहण नहीं करते हैं। परन्तु अशुद्धि को दूर फेंकते हैं। एल्यूमीनियम एवं सीसा वाले बरख प्रतिमा के ऊपर चिपक जाते हैं, इसलिए अशुद्ध बरख से दूर रहें। आंगी में उत्तम द्रव्य का उपयोग करें। प्लास्टिक एवं रूई उपयोग में नहीं लेवें। * केसर पूजा* कटोरी में अंगुली से केसर लेते समय केसर नाखून पर नहीं लगे, उसका ख्याल रखना जरूरी है। नाखून में केसर लगा सूख जावे और भोजन करते वक्त पेट मे चला जाय तो देवद्रव्य के भक्षण का दोष लगता है। - गुड नाईट - 53 - rivate us Jain Education int w.jainelibrary.org
SR No.004227
Book TitleGood Night
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRashmiratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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