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________________ सूतक से दर्शन पूजा बंद करनी हो, तो भरत चक्रवर्ती जिन्दगी में कभी भी पूजा नहीं कर सकते कारण कि उनके एक लाख बानवे हजार(१,९२,०००) स्त्री परिवार था। जन्ममरण का सूतक चलता ही रहे। जैन डॉक्टर को भी हमेशा सूतक ही रहेगा। इसलिए स्नान करने के पश्चात् कोई बाधा नहीं है। जैन शासन का प्रामाणिक ग्रंथ सेनप्रश्न रचियता जगद्गुरू हीरसूरि के शिष्य विजयसेन सूरीजी महाराज स्पष्ट बताते हैं। प्रश्न- जन्म-मरण के सूतक में प्रभु पूजा कब कर सकते हैं? उत्तर - जन्म-मरण सूतक में स्नान करने के बाद प्रभु पूजा निषेध का कहीं पर जानने को नहीं मिलता है। इसलिए पूजा नहीं करनी वैसी बात नहीं है। यह बात व्यवहार भाष्य और हीर प्रश्न में भी अंकित हैं। ____* उपकरण शुद्धि* उत्तम से उत्तम उपकरण उपयोग में लेने चाहिए। in Education Internationalor Personal Private Use Onlwww.jainelibrary.org
SR No.004227
Book TitleGood Night
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRashmiratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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