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अपनी शक्ति हो तो सोने के उपकरणों पर हीरे जड़े हुए हो अथवा चांदी के हो, ये भी न हो, तो शुद्ध पीतल आदि के उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं। जर्मन सिल्वर में निकल नामक अशुद्ध धातु आता है। पूजा की पेटी भी प्लास्टिक, एल्युमीनियम, स्टील आदि की उचित नहीं हैं आभूषणादि पहिनकर इन्द्र जैसे बनकर पूजा करनी चाहिए। कभी मन में उत्तम भाव जग जाय तो पहिने हुए आभूषणों को पानी में धोकर तुरंत भगवान को पहिना सकते हैं।
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14 पूजा करने के लिए घर से प्रयाण की विधि • वैभवानुसार ऋद्धि-समृद्धि के साथ प्रभु पूजा करनी चाहिए। दान देने की प्रवृति साथ में रखने से धर्म प्रशंसनीय बनता है ।
• आजकल घरों में चप्पल पहिनकर फिरने की फैशन चल रही है। पूजा करने के लिए चप्पल पहिन कर जाते है। कहते हैं “ये पूजा के चप्पल हैं" पूजा के चप्पल हो ही नहीं सकते । घरों में गुड नाईट - 45
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