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इसीलिये प्रदक्षिणा में जब-जब भगवान के दर्शन हों तब "णमो जिणाणं'' बोलना चाहिये ।
• उसके बाद भगवान के दाहिने साईड में पुरूषों को और महिलाओं को बायीं साईड में खड़े होकर दर्शन करने चाहिये ।
धूप घर से लायें तो स्वद्रव्य पूजा से विशेष लाभ होता है अथवा धूपधानी से धूप करना (चालू हो तो उसी को लेकर ) ।
10 बहिनों को नम्र सूचना
मंदिर में दर्शन और पूजन करने के लिये जाते वक्त महिलाओं को मर्यादा पूर्ण सिर ढँक कर भारतीय संस्कृति के अनुरूप वस्त्रों को पहिनना चाहिये। किसी को विकार पैदा हो, वैसे चुस्त या पारदर्शी पहिनना, बरमुडा जैसे शॉर्ट ड्रेस पहिनकर जाना आशातना है। जैसे पाप खराब है वैसे पाप में निमित्त बनना यह भी खराब है
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गुड नाईट - 33
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