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________________ अवश्य देनी चाहिये। तीन जगह पर निसीहि बोलनी चाहिये। (१) प्रथम निसीहि मुख्य द्वार पर - संसार की तमाम पाप प्रवृत्तिओं और विचारणाओं को मैं मन वचन और काया से निषेध करता हूँ। मंदिर में प्रवेश कर काजा निकाल सकते हैं। १०० उपवास का लाभ मिलता हैं। (२) तीन प्रदक्षिणा पूरी होने के बाद प्रभु के गंभारे के पास दूसरी बार निसीहि। मंदिर संबंधी बातों का भी त्याग करता हूँ। (३) धूप, दीप और साथिया करने के बाद चैत्यवंदन के पहिले तीसरी बार निसीहि बोलनी। मुख्य द्वार पर निसीहि बोल कर क्या-क्या करना? भगवान के समवसरण में पहुँच गया हूँ ऐसी भावना भानी चाहिये। जैसे समवसर भगवान एक होते हैं, तीनों दिशा में उनकी मूर्ति होती है, वैसे इधर भी मूलनायक एक दिशा में हैं और तीन दिशा में मंगलमूर्ति रखी हुई है, - गुड नाईट - 32 Jan Education intemation e Use Onlwww.jalgelib 330000000
SR No.004227
Book TitleGood Night
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRashmiratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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