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है। यानि ३६४०० उपवास का लाभ मिलता है प्रदक्षिणा ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से भी महामांगलिक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रयाण करने से पहले तीन प्रदक्षिणा देने से तमाम दोष दूर हो जाते हैं । • मंदिर के मुख्य द्वार पर निसीहि कहकर प्रवेश करना । पुरूषों को अपने बांये हाथ से और महिलाओं को अपने दांये हाथ से अंदर प्रवेश करना चाहिये ।
मुख्यद्वार के नीचे शिल्प के अनुसार दृष्टि दोष निवारण के लिये, दो जलग्राह बनाये हुए हैं। उन दोनों के बीच की जगह हाथ से स्पर्श करना। भगवान के दर्शन होते ही 'णमो जिणाणं" बोलना ।
9 प्रदक्षिणा का अर्थ
(१) श्रेष्ठ दक्षिणामोक्ष पाने के लिये! प्रभु तुम्हारे पास
हम आये हैं ।
(२) भगवान की दाहिनी बाजू से राउन्ड फिरे, वह प्रदक्षिणा कहलाती है । रत्नत्रयी की आराधना और भव भ्रमण को मिटाने वाली प्रदक्षिणा
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गुड नाईट- 31
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