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करना। जैन दर्शन कितना सायन्टिफिक है सूर्यास्त के ४८ मिनट पूर्व भोजन और तीन घंटे बाद शयन ।
* घर मंदिर के लिये आवश्यक बातें (१) मुख्य रूप से अंजनशलाका वाले भगवान को मंदिर में रखने चाहिये । जैसे यंत्र शक्ति से T लोहा रोबर्ट बनकर काम करता है वैसे मंत्र शक्ति से बिंब परमात्मा बनता है । अंजनशलाका महापवित्र विधान है । उस समय ५६ दिक्कुमारी आदि की स्थापना मंत्रोचार के साथ होती है। उसके अलावा मात्र नाटक के रूप में पेश करना उचित नहीं है ।
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(२) अंजनशलाका के भगवान पधराने हो तो फिर हमेशा पूजा सेवा आरती आवश्यक है । जहाँ भगवान पधराये हुए हों वहाँ टेरेश में किसी का पाँव नहीं आना चाहिये। इसलिये वहाँ ऊपर ईंट का स्तूप (घुमट) जैसा बना सकते हैं ।
गुड नाईट - 27
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